वरना दुर्गा का रूप हूं मुझे आज़ादी चाहिए वरना दुर्गा का रूप हूं मुझे आज़ादी चाहिए
ख्वाबों के जहां में खुली पतंग सी हूँ मुझे आज़ादी चाहिए सालाखों मे कब तक रहूं कैद ख्वाबों के जहां में खुली पतंग सी हूँ मुझे आज़ादी चाहिए सालाखों मे कब तक ...
जब भी प्यास लगती मुझको पाता मैं पानी किसी के छत पर जब भी प्यास लगती मुझको पाता मैं पानी किसी के छत पर
मुझको नहीं सारी दौलत चाहिए, बस थोड़ा सा मेरा अधिकार चाहिए। मुझको नहीं सारी दौलत चाहिए, बस थोड़ा सा मेरा अधिकार चाहिए।
कामयाबी के लिए बुलंद हौसलों के साथ प्रेम-स्नेह के झंडे लहराते हुए चलता चल तू बढ़ता चल। कामयाबी के लिए बुलंद हौसलों के साथ प्रेम-स्नेह के झंडे लहराते हुए चलता चल ...
बेबुनियाद ही मोदी पर इल्जाम लगाया। बेबुनियाद ही मोदी पर इल्जाम लगाया।